ताज़े मोगरे कि पहली खुशबू
महका गयी आँगन मेरा
उससे जुडी मीठी बातें
याद करा गयी आज सवेरे ...
कोयल की मधुर आवाज़
कुहुक उठी बगिया में आज
कारे कोवे की कांव कांव
लागी प्यारी जैसे साज़ ..
सतरंगी फुलवारी से सजे
जैसे दुल्हन सी बगियाँ मेरी
शर्माए मुस्काए लहलहाए
भँवरे और पवन के संग ..
प्रेम का वो मधुर एहसास
जाग गया जीवन में आज
भर गया आँचल मेरा
खुशियों की माला सा....
~०६/०४/२०११~~
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