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Tuesday 24 November 2015

CREATIVITY


Khushboo's creation


Cosmic energy surged
Radiating tenacious vibes
Eradicating numbness
Around the nebula of life
Tempting the core
Intimate feelings surfaced
Vernacular conversations ensued
Inviting the moods
Trespassing the heart
Yearning matures.


Creation of life surmounts!!!

~24/11/2015~

©Copyright Deeप्ती

Wednesday 18 November 2015

हज़ारों ख्वाइशें



मेरे धड़कते सीने में 
लिपटी सपनों की तरह 
हज़ारों ख्वाइशें ऐसी 
जो महके चनदन जैसी 

मेरे नयनो में बसे 
मीठे ख्वाब हो जैसे 
अरमानो से भरे 
खिले फूलों जैसे 

मधुर गीतों की तरह 
छेड़े सुरीले तराने 
दिल गुदगुदाए 
प्रीत के हैं प्यासे 

तेरी मुस्कान करे राज 
मेरे दिल की बगिया पे 
पिघलती मेरी साँसे 
मिश्री सी घुलती जाये  

स्नेहिल स्पर्श छू जाये 
अंतर्मन तब मुस्काये  
हज़ारों ख्वाइशें ऐसी 
मोगरे की खुशबु जैसी 

~ १८/११/२०१५~ 

©Copyright Deeप्ती

Tuesday 17 November 2015

बदलाव

नवंबर २०१५ 

बरसों से उस कमरे की खिड़की खुली थी
दम घोटने वाली दुर्गन्ध से लथपथ
दो कदम की ही तो है दूरी
आज सोचा हाथ बड़ा बंद कर ही दूँ
कुछ खिड़कियां बंद ही अच्छी
वक़्त के साथ बदलाव ज़रूरी है
कमरे की साज सज्जा बदलना भी
कुछ ताज़े फूलों की महक
अपनेपन की मिठास
और ढेर सारी मुस्कराहट


आज सुकून की नींद आएगी
नयी किरण से लिपटी
खिली खिली सुबह खिलखिलाएगी

~ १७/११/२०१५ ~


©Copyright Deeप्ती

ज्वारभाटा




उठती लहरों की खामोश चीखें
सपनो को पहना कफ़न
अरमानो को रौंदते किनारों
पर सिसकती बिखरी पड़ी हैं

 गुस्सैल हवाएं
चीत्कार करती , उजाड़ती
शोर मचाती वीरान करती
रास्तों से गुज़रा करती हैं

मौन शब्द वाक्य की माला
में अपना वजूद ढूँढ़ते
मूक साँसों में बसें
क्रंदन करते सोये पड़े हैं

अधखुली आँखों में भयावाह सपने
तड़पते, तांडव करते
सब कुछ नष्ट करते
अपनी ही धुन में बड़े चले है

~ २७/१०/२०१५~


©Copyright Deeप्ती


Monday 16 November 2015

Broken Pieces

Gurgaon 2015


Broken pieces
Reflected Light
With surging Vigour
Enveloped with colours
Of their own
Forming eloquent patterns
Emitting optimistic heartiness
Enlightening
Pushing away the grey spaces
Filling with rainbow
Of Faith and Grace.

Encasing Serendipity!!

~16/11/2015~


©Copyright Deeप्ती