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Wednesday 29 May 2013

बारिश


वाह! क्या खूब है ये बारिश
कभी हँसाती कभी रुलाती
दिल में अनजान चेहरा सी
खुशबु उड़ाती मन को बहलाती
ये बारिश..

ममतामई आँखों में डबडबाती सी 
जवान पलकों पे मुस्काती सी
अनजान ख्यालों से सेहराती
एक अहसास सी
ये बारिश..

चंचल क़दमों में फुदकती
उन्मुक्त बेखयाली हंसी सी
प्रफुलित करती तन मन
फिर, दिल को गुदगुदाती
ये बारिश..

इन्द्रधनुषी सपने सजाती
फूल-पत्ती, खेत-खलयान में
मोती सी चमकती
सोई धरती को जगाती
ये बारिश..

यही तो है, जिंदगी,
जीने की चाह बढाती
मासूम अधरों पे खिलखिलाती
हर मन बस-बस जाती
ये बारिश..!!!


~29/05/2013~

Monday 6 May 2013

राह


तप रही है मरुभूमि
अगन लगी है हर ओर
ऐ रंगरेज तू ही बता
इस का सरल हल कोई..

युद्ध है यहाँ और वहाँ भी
कमज़ोर है हर इंसान
फिर भी समझे बलवान
हर दुसरे से..

प्यासा हूँ एक बूँद पानी का
खून से रंगी हर नदी है
अरे नहीं !! वो सामने तो
मिठास बह रही है  ..

ये किसका अक्स है पानी में
ये में तो नहीं हूँ
ये लाल छींटे मुख पे मेरे भी
हाथ जख्मी , जलते हैं..

में तो बच कर रहा कितना
खुनी हुआ फिर मेरा क्यों दामन
क्या सच का अर्थ बदल गया
भूल गया में भी क्या.. सच??

ऐ रंगरेज.. तू ही बता
कैसे करूँ साफ़ ये दामन
बदरंग चेहरे पे फिर
ला सकूँ इन्द्रधनुष ??

~~06/05/2013~~