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Friday, 27 February 2015

सुकून

झिलमिल चमकती चांदनी और 
उसके आगोश में सिमटता अँधियारा 

खूबसूरती बढ़ाता गर्व से इतराता 
मंद-मंद मुस्कराता 

चाँद ने भी शरमा के खोला अपना राज़ 
मेहफ़ूज़ हो छेड़ा सुरीला साज़ 

चाँद चाँदनी और अंधियारे की देख अजब दोस्ती 
संसार ने उन्हें अपना हमराज़ बनाया 

"उनके होने  के एहसास में मिलता है दिल को सुकून 
उनके ना होने का ख़याल भी दिल में न बसाना "

~२६/०२/२०१५~ 
Deeप्ती  (Copyright all rights reserved)

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