खूबसूरत कुदरत |
किसी ने न देखा
खुदा को
जब भी आईना में
देखा खुद को
उस पे यकीन हुआ
किसी ने न सुना
पंखुड़ी को खिलते
जब भी फूल को
देखा लहराते
महसूस करा उस आवाज़ को
कभी न समझा
करिश्मा को
जब भी सूरज उगते देखा
रात को नकारा
करा विश्वास ज़िन्दगी में
कभी न देखा
हवा को बहते
जब भी होंठो पे तेरे
बिखरी मुस्कराहट
मुहब्बत समेटी आगोश में
~ १९/०२/२०१५~
Deeप्ती (Copyright all rights reserved)
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