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Monday, 8 December 2014

तुझ सी मैं


'U n Me'
Center Copied from National Award winning picture


चन्दन सी यूँ लिपटी हुई 
मोगरे सी महकती 
ओस सी चमकती 

तेरी मौजूदगी मेरी ज़िन्दगी में ...

सर्दी की धुप सी गुदगुदाती 
मीठे झरने सी किलकाती 
हवा सी लहराती 

तेरी मोहब्बत मेरी साँसों में...

पिघलते मोम सी कोमल 
पुष्प की पंखुड़ी सी नाजुक 
चमकते दिए की रौशनी सी 

तेरी मासूमियत मेरी रग-रग में ...

मेघ की हलकी फुहार सी 
चिरैया की चहचाहट सी 
घुँगरू सी खनकती  

तेरी मुस्कराहट मेरी आँखों में ... 

तुझ सी में 
कुछ 
मुझ सा तू 
हम बसते 
एक दूजे में।  

~०७/१२ /२०१४~ 

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