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Tuesday 24 September 2013

अफसाना


सीली  सीली सी भोर
पक्षियों का मधुर शोर
जाती शीत लहर
लाये शुष्क नमी सी
मन को भिगोये
हलकी फुहार ठंडी सी
हरी कोमल कोपल
झाँक झाँक मुस्काए
भूरे बेजान पत्ते
हवा संग इतराएँ
नन्हे क़दमों की किलकारी

गूंज गूंज जाए!!

~~२४/०९/२०१३~~

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