काश होता मेरे पास
एक मजबूत काँधा ऐसा....
जिस पर रख कर सर
कर लेती हर गम हल्का
जिसकी बाहों में पाती
ज़माने भर की खुशियां
गहरी रात में जब डर जाती
पापा पापा कह लिपट जाती
जिसकी गोद में रख कर सर
मीठी लोरी सुनती जाती
काश होता मेरे पास
एक मजबूत काँधा ऐसा....
जिस पर
हर सुबह
टंगता,
मेरा बैग
जिसके पीछे चलती अल्हड़ सी मस्त
जिसकी ऊँगली पकड़ पहुँचती
स्कूल , गर्व से सीना तान के
जिसके होने भर से कभी ना पाती
माँ की आँखों में बहता समुन्दर
जिसकी बाहों में पाती
प्यार में अपने लिए
काश होता मेरे पास
एक मजबूत काँधा ऐसा....
आगे बढ़ने से जब डरती
कहता "डर मत। . में हूँ न"
तब गिरने का ना होता डर
थाम जो लेता हर मोड़ पर
जिसकी आँखे बुनती सपने
मेरे उज्जवल भविष्य के
जिसकी नसीहतें देती सीख
ज़माने से लड़ने की
काश होता मेरे पास
एक मजबूत काँधा ऐसा....
जो करता माफ़ हर गलती मेरी
फिर देता इक मीठी सी झिड़की
मेरी उपलब्धियों पर
प्रेम से भर देता मेरी झोली
जब पिया के घर में जाती
दुआ से भर देता मेरी झोली
हर जीत पे मेरी
होता सीना चौड़ा जिसका
:(
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