बंद दरवाज़ों पे देती दस्तक
ये बारिश की मद्धम बूंदे
करे इंतज़ार एक आहट का
चुपके से आ घेरे
अरमानो के बक्से
घनघोर घटाओ में
बिन लफ्ज़ो के बोले
ये मासूम मोती बहुत कुछ
नयनो से अधरों तक
ये बारिश की मद्धम बूंदे
करे इंतज़ार एक आहट का
देती दस्तक दिल के दरवाज़े पे
©Copyright Deeप्ती
ये बारिश की मद्धम बूंदे
करे इंतज़ार एक आहट का
चुपके से आ घेरे
अरमानो के बक्से
घनघोर घटाओ में
बिन लफ्ज़ो के बोले
ये मासूम मोती बहुत कुछ
नयनो से अधरों तक
ये बारिश की मद्धम बूंदे
करे इंतज़ार एक आहट का
देती दस्तक दिल के दरवाज़े पे
©Copyright Deeप्ती
bas wo aahat hi sunai nahin deti. :)
ReplyDeleteyahi to vidambana hai
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