Greenwoods Park 2014 |
लगता है किसी का दिल बहुत ज़ोर से दुखा है
देखो आसमान आज कैसे फूट पड़ा है
हवाओं का रुख बदल गया है
आँखों से सैलाब बह चला है
कोई तो सम्भालो इन मोतियों को
अपना ही दामन कैसे भिगोये रखा है
तपती धरती पे गिरती तेज़ाब सी बूंदे
देखो कैसे अन्तर्मन को जलाये रखा है
लगता है किसी का दिल बहुत ज़ोर से दुखा है
देखो आसमान आज कैसे फूट पड़ा है
हीरे सी चमकती ये नन्ही बूंदे
दिल के अरमानो को काट चली हैं
झरझर मासूम बारिश की कंपन
कानो में जहर घोले जा रही हैं
हृदय की बंजर ज़मीन पर
गर्म सीसा भरे जा रहा है
लगता है किसी का दिल बहुत ज़ोर से दुखा है
देखो आसमान आज कैसे फूट पड़ा है। ……… !
देखो आसमान आज कैसे फूट पड़ा है। ……… !
~ ०९/०८/२०१५~
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