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Friday, 9 November 2012

मुसाफिर


चल ले ऐ! मुसाफिर
तू चाहे किन्ही काफिलों में
ये जान ले आज तू
सफर तो करना है तय अकेले..
 
फिर चाहे साथ का जूनून हो
या हो जुदाई का गम
मंजिल तो तेरी अपनी है
समेट ले अपने आप में ..
 
चल अकेला चल अकेला
मौज में अपनी
गुनगुनाते हुए
मंगल मंज़िल गीत...
~०८/११/२०१२~

Wednesday, 8 August 2012

ताले




बंद दरवाज़ों पर लटकते ये ताले
क्या कभी कर पाए हैं बंद दरवाज़े’ ?
इन लटकते तालों से तो सिर्फ
बंद हुए दिल के दरवाज़े हैं
आज की इस चमकती दुनियां में
कहो ना.. कहाँ रह गई है
कीमत - दिल की.. प्यार की..
रिश्तों की ...

जो चमके, कीमती वही कहलाये
क्या सच है ये??
ये चार दिन की चांदनी
अक्सको हमारे कहाँ चमका पायेगी
दिमाग पर लटकते तालों को
कहाँ खोल पायेंगे
काश अंधे न हुए होते इस चमक से
समझ गए होते रिश्ते अपनेपन के....

~०७/०८/२०१२~

Wednesday, 18 July 2012

Annihilation





Living in the forest of my dreams
Hoping to find a shiny ray

Carrying my own carcass
Living burdened by it

Walking with heavy steps
On solidified emotions

Locked in the sleet
Burning.

~~18/07/2012~~

Thursday, 5 July 2012

Happiness

"Do you know
It's raining heavily here..."

Wow… Finally…
Go run and get soaked
Let the droplets drape you
Get intoxicated with the aroma
Rising from the earth
Indulge in the freshness
Of shinning shimmering
Greens all around………


"Will you accompany me
In soul…"

Yes…. I will, Now
Go get drench yourself in it
And get wet in the cool sprinkles of life
Let yourself live in the moment
Feel  the rainbow with
Your closed eyes and open heart
Let the colours
Engulf you In…………


"Ah! Yes , you were right
Now I feel alive…"

Didn’t I always said so
It's, Now you Believe….!!

~05/07/2012~ 

Friday, 20 April 2012

कृष्णा!

                                       
हे कृष्णा! छुपा ले मुझे अपने आँचल में
दे दे मुझको आसरा अपने चरणों का
होने दे मुझको मुझसे ही जुदा
करने दे दीदार अब मुझको मेरा
दिखा दे राह अब तो मुझे
कब तक भटकूंगी यहाँ वहाँ
तेरे चरणों की धुनी सजा
लूं माथे पे अपने
थाम ले मुझको अब तो ज़रा
करा दे दीदार मुझसे मेरा....


~~18/04/2012~~

Saturday, 31 March 2012

Abandoned




Disconnected from the thin thread
Of support and balance
I lie abandoned on a tree

Mist is all, I could see
In those tiny eyes
Who held me with tenderness

Me waiting for a gentle sway
To be lifted high once again
Only to mingle with dust soon

Within days I know
Will lose my freshness
And my charm

Over the days
I will be in shags , tattered
Alone all by myself

I wonder  then
Will I be fondled n caressed
The same??

~30/03/2012~



Monday, 23 January 2012

चक्रव्युह


जीवन के चक्रव्युह में
आखिर फंस ही गए
बुद्ध बनने चले थे
कामदेव के वश में हो गए

सृष्टि का विनाश होगा
हर दिल में आक्रोश होगा
सृजन कि कहाँ बात करें
मानव का अब पतन होगा

थर्थाराएगा जलजलों से
जल जायेगा ज्वालामुखी से
हरियाली कि कहाँ बात करें
कुरूप इसका रूप होगा..

जीवन का चक्रव्यूह
अब अपना खेल रचाएगा
तहस नहस हो अब
नया जीवन बनाएगा.....!!

~२३/०१/२०१२~

Sunday, 15 January 2012

New Life


http://www.google.co.in/imgres?q=new+life&um=1&hl=en&fhp=1&biw=1280&bih=859&tbm=isch&tbnid=olo_-MOWDQJSNM:&imgrefurl=http://stefano83.deviantart.com/art/A-new-life-67126660&docid=NSLWFVFZiNw7sM&imgurl=http://www.deviantart.com/download/67126660/A_new_life_by_Stefano83.jpg&w=465&h=700&ei=iNQTT8D-LIKyrAff5ZD0Dg&zoom=1

Something magical was about 
last night
stars gazed at the 
glistening body
cool breeze carresed
the curves
dew drops settled on
raised mountains
river of nectar 
over flowed
letting the
raindrops seep in earth
planting  a  seed
deep inside...!

~16/01/2012~

Thursday, 12 January 2012

Blank Thoughts.




Mesmerizing greens
unwinding curvy road
careless chirping
wheels buzzing
melodious singing
Heart beats galloping
Fresh rain-drops on earth
aroma arising
blank thoughts
filling the mind....!!!




~12/01/2012~

Tuesday, 3 January 2012

तड़प !!


अक्सर नम हो जाती हैं आँखें याद उन्हें कर के
कालिख सी खिंच जाती है काजल के बह जाने से
सिरहन दौड जाती है महसूस उन्हें करते ही
तड़प जाती हूँ मैं नींद में भी ....

हे प्रिय ! कहाँ हो ?
नज़रें बिछाये बैठी हूँ
आंसूं थामे बैठी हूँ
भर्रायी आवाज़ छुपाये बैठी हूँ...

थाम लो आकर बाहों में
छुपा लो अपनी साँसों में
समेट लो अपनी धडकन में
बाँध लो अपने आगोश में...

नम आँखों को फिर भर जाने दो
काजल को ज़रा और बहने दो
प्रेम में अपने समेट कर
सिरहन को और बड़ा दो...!!!!

~०३/०१/२०१२~