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Tuesday 22 March 2016

प्रेम रस की होली


यमुना के तट पे
छेड़े बाँसुरिया की तान
नाचें गोपी धिनक धिन धा
कृष्ण गोपाला संग
मधुर रस का करे पान
खेरे होरी छन छना छन
बाजे पायलिया
झूमे नाचे गाये
बरसे पानी झम झमा झम

देखो कैसे खेरी प्रेम रस की होली
कान्हा संग खेलें सब गोपी।

~ १८/०३/२०१६~

©Copyright Deeप्ती


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