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Monday, 14 December 2015

Thoughtlessness

Gurgaon 2015





He looked in the mirror
Lost
Broken dreams and empty promises
Mocked
Fragmented memory frame
Teased
Haunting sinuous words
Wallowed
Strange angry face
Howled
Hollow floating emotions
Snarled

One sharp quick cut
Escaped
From the miseries
--Rescued--

~14/12/2015~

  

©Copyright Deeप्ती

 Sometimes we are so thoughtless - in a spurt of a weak moment take our own lives. It is a crime to do so in the eyes of our Lord.
Please forgive these souls.

Monday, 7 December 2015

शुभकामनायें




लम्हा लम्हा यूँ ही गुज़रे
ये ज़िंदगानी
तेरी पलकों के तले

कतरा क़तरा प्यार का
भिगोता रहे
उम्र भर

तिनका तिनका जोड़ कर
बना अहसासों का
शानदार किला


~07/12/2015~
©Copyright Deeप्ती





Friday, 4 December 2015

आज फिर कहर बरसा है

चेन्नई २०१५ (Net)


आज फिर कहर बरसा है
नन्ही जान के आंसू से भरा है
भूख से बिलखते
गीले कपड़ों में सिसकते
एक पग सूखी धरती को तरसा है
हे प्रभु ! ये कैसी परीक्षा है
उन मासूम को क्यों परखा है
अभी-अभी तो खोली हैं आँखें
अभी तो पहली मुस्कान से सबका मन जीता है

आज फिर कहर बरसा है
बाढ़ में बहती एक ज़िंदा सी लाश को देखा है
मजबूर हूँ में भी
किसी तरह एक पेड़ की डाली को थामा है
उसी पे बैठ तेरा तमाशा देखा है
दो दिन से उसकी पत्ती चबा पेट भरा है
ना जाने क्या हुआ होगा मेरी चिरैया का
जिसे पिंजरे में आज तक कैद रखा है
आज समझ आया उसका दर्द क्या है
क्यूंकि आज फिर केहर बरसा है....

~०४/१२/२०१५~

©Copyright Deeप्ती