"थोड़ा सा रफू करके देखिए ना..
फिर से नई सी लगेगी...
जिंदगी ही तो है..."
फिर से नई सी लगेगी...
जिंदगी ही तो है..."
पैबंद है तो क्या हुआ
नया रूप तो लिए है
ये नयी सी ज़िंदगी
खामोश हैं निगाहें तो क्या
दिल की जुबां तो है
ज़िंदगी ऐसी ही है
तार तार हुए हैं ख़्वाब तो क्या
फिर सपने बुन कर तो देखो
कोशिश में क्या है
है लहू से लथपथ मंज़िल तो क्या
एक कदम और बड़ा कर तो देखो
ज़िंदगी ही तो है ...
~२७/०५/२०१५~
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